गुरुवार, 8 अक्टूबर 2015

तर्क का बाकायदा एक विज्ञान होता है वार्ता को तर्कविज्ञान का दर्ज़ा प्राप्त है। तर्क एक शाश्त्र के रूप में भी पढ़ाया जाता है। तर्क करने की एक भारतीय परम्परा रही है प्रश्न करो। प्रश्न करता का दर्ज़ा जितना ऊंचा रहा गुरुमुख से ज्ञान भी उसी उच्च श्रेणी का निकला। उपनिषद का ऋषि कहता है -तर्क करो।

बद -तमीज  तर्क करने वालों से दो टूक



तर्क का बाकायदा एक विज्ञान होता है वार्ता को तर्कविज्ञान का दर्ज़ा प्राप्त है। तर्क एक शाश्त्र के रूप में भी पढ़ाया जाता है। तर्क करने की एक भारतीय परम्परा रही है प्रश्न करो। प्रश्न करता का दर्ज़ा जितना ऊंचा रहा गुरुमुख  से ज्ञान भी उसी उच्च श्रेणी का निकला। उपनिषद का ऋषि कहता है -तर्क करो।

लेकिन मुंबई की बॉलीवुड नगरी का ऋषि जो कपूर खानदान का गौरव है या कलंक वह जानें ,क्या कहता है ,सब कुछ अशोभन करने वाली शोभा डे ,कुछ सेकुलर चैनलिए किस प्रकार का तर्क करते हैं इसकी एक बानगी देखिये -मैंने गौ मांस खाया आओ मुझे मारो। यह वैसे ही है जैसे आसमान की ओर  थूक कर कोई खुदा से कहे देख मैंने आसमान पे थूका तू कुछ करके दिखा मेरा।

कल को शोभा डे कपड़े उतार कर कहें देखो मैं नंगी  हो गई मेरा कोई कुछ करके दिखाए तो ये सेकुलर चैनलिए जो बराबर कैंची सी कतरनी  जुबान अभी भी चला रहे हैं क्या बहकेंगे या चर्चा करते रहेंगे।

तर्क को बद्तमीज़ तर्क में बदल के रख दिया है अपने आपको कलाकार ,पत्रकार ,और मीडिया में कहने कहलवाने वाले इन सेकुलर भट्टों ने।

शोभा डे और ऋषि कपूर उन मुस्लिम देशों में जाकर ये कहके दिखलाए जहां शुकर मांस (Pork )प्रतिबंधित है तब देखेंगे  इन्हें वहां दफन किया जाता है ,कितना और कैसा अवशेष इनका भारत वापस आता है। इस देश में ही ये बदतमीज लालुद्दीन की तरह मुंह खोलते हैं  और बदतमीज़ तर्क करते हैं। 

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