रविवार, 7 फ़रवरी 2016

बस बच्ची ने टंकी के पानी से मुंह धोया था कहीं आँख में दो चार छींटे भी मार लिए। बस एक कीड़ा जो टंकी के पानी में था आँख की राह हो लिया। कीड़ा तो रुमाल की कौर से सावधानी पूर्वक निकाल दिया गया लेकिन बिटिया का दर्द से छटपटाना जारी रहा। उन दिनों में रोहतक में पोस्टिड था। मेडिकल कॉलिज के नेत्रविभाग में जांच करवाने के बाद कीड़े का बचा खुचा अंश नेत्रचिकित्साक ने निकालके दिखलाया। तब जाकर बच्ची को चैन आया। साथ में हमारी भी जान में जान आई।


आँख में केटरपिलर (केटपिलर बोले तो इल्ली ,झांझा ,सूंडी ,कीड़ा )गिरना जब खतरनाक हो जाता है तब जब कीड़ा निकालने के बाद भी पीड़ा आँख में होती रहे आँख सुर्ख हो जाए ,पानी लगातार आँख से बेहता रहे। इसे आप मेडिकल इमरजेंसी ही समझिए और बिना वक्त जाया किये आँखों के रोगों के माहिर डॉक्टर के पास पहुँचिये। आवथेल्मोलॉजिस्ट ,आईस्पेशलिस्ट ही इस स्थिति से आपको बाहर निकालेगा।

आँख में केटरपिलर (केटपिलर बोले तो इल्ली ,झांझा ,सूंडी ,कीड़ा )गिरना जब खतरनाक हो जाता है 


Caterpillar Photo Gallery

Result 1-40 of about 239
pine caterpillar

















A three -year-old Navi Mumbai kid had to undergo six  procedures after a caterpillar fell right into her eye while she was playing in a garden. Over the course of months, doctors removed around 200 strands of sharp caterpillar hair from Vedika Sandecha's right eye.


Vedika was holidaying at her grandmother's house in Karad when one afternoon the fuzzy insect dropped into her eye, instantly causing a stinging pain, pricking sensation, irritation and redness. While she managed to remove the insect instantly, the sharp barbs got lodged in the soft tissues and membranes of the eye.

Her father Vijay said that they rushed her to a local doctor who immediately removed 50-60 strands in a surgery that was carried out under anaesthesia. The irritation persisted though.

"She kept on rubbing her eye. And the watering refused to stop. After a point, she was scared to open both her eyes," said the father. They brought the child to Mumbai, where she underwent four procedures at Fortis Hospital in Mulund after the initial two in Karad.

Initially, the child wouldn't even allow the doctors to carry out examination. Consultant ophthalmic surgeon Dr Girija Suresh said that the examination had to be carried under anaesthesia. 

"Foreign bodies like stiff caterpillar hair, which are not visible to the naked eyes, have a tendency to get lodged deep inside the eye. It can cause a lot of agony to the patient, more so if the patient is a child," she said.

Girija added that the girl had visible rough scratches on the surface of the cornea, caused by continuous friction with the caterpillar hair. Even after two procedures, she had about 25-30 strands of hair stuck to her lower eyelid and about 8-10 in the upper one.


"The condition caused by caterpillar hair in eyes is called Caterpillar Hair Induced Ophthalmitis, which is inflammation of eyes caused due to friction with the hair strands. It is not reported very frequently. The treatment for this condition involves removal of hair meticulously with the help of operating microscope and fine forceps," said Girija.

The doctor said that if left untreated, scratches could lead to an infection. The girl's father said that Vedika has normal vision now.


सन्दर्भ -सामिग्री :-

 http://timesofindia.indiatimes.com/city/mumbai/3-year-old-operated-on-6-times-as-caterpillar-falls-into-eye/articleshow/50876204.cms

What is Caterpillar?

A Caterpillar is often a worm like and brightly colored and hairy or spiny larva of a butterfly or moth 

 कह सकते हैं यह रंगबिरंगी तितली रानी के विकास की एक प्रावस्था है। विकसित होकर यह पतंगा भी बन सकता है तितली भी। अक्सर पतिंगे बरसात के बाद ट्यूबलाइट के गिर्द बेहद की तादाद में गिरते पड़ते आपने देखें होंगें। बचे रहें बस ये आपकी आँख का रूख न ले ले ,खतरनाक साबित हो ंसकता है यह कंटीला कीट। 

आँख में केटरपिलर (केटपिलर बोले तो इल्ली ,झांझा ,सूंडी ,कीड़ा )गिरना जब खतरनाक हो जाता है तब जब कीड़ा निकालने के बाद भी पीड़ा आँख में होती रहे आँख सुर्ख हो जाए ,पानी लगातार आँख से बेहता रहे। 

इसे आप मेडिकल इमरजेंसी ही समझिए और बिना वक्त जाया किये आँखों के रोगों के माहिर डॉक्टर के पास पहुँचिये। आवथेल्मोलॉजिस्ट ,आईस्पेशलिस्ट ही इस स्थिति से आपको बाहर निकालेगा। 

प्रसंगवश मुझे एक मर्तबा का किस्सा याद आ जाता है :बिटिया बड़ी तब हरियाणा के एक सरकारी  स्कूल में नौवीं कक्षा में पढ़ती थी। इन विद्यालयों में पानी की टंकी का रखरखाव कैसा होता होगा इस पर विशेष जोर दिमाग पे डालके सोचने की ज़रूरत  नहीं है।

बस बच्ची ने टंकी के पानी से मुंह धोया था कहीं आँख में दो चार छींटे भी मार लिए। बस एक कीड़ा जो टंकी  के पानी में था आँख की राह हो लिया। कीड़ा तो रुमाल की कौर से सावधानी पूर्वक निकाल दिया गया लेकिन बिटिया का दर्द से छटपटाना जारी रहा। 

उन दिनों में रोहतक में पोस्टिड था। मेडिकल कॉलिज के नेत्रविभाग में जांच करवाने के बाद कीड़े का बचा खुचा अंश नेत्रचिकित्साक ने निकालके दिखलाया। तब जाकर बच्ची को चैन आया। साथ में हमारी भी जान में जान आई। 

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