मंगलवार, 17 नवंबर 2015

दुनिया में इस्लाम हिंसा में से ही निकला है और हिंसा में ही इसका लय हो जाएगा। हिंसा ही अंततया इसके समूल सर्वनाश का कारण बनेगी। जो लोग फ्रांस के वहशी दहशतगर्दी हमले को क्रिया -प्रतिक्रिया व्याकरण और विज्ञान में उतार के उसके समर्थन में तर्क ढूंढ रहे हैं उनसे पूछा जाना चाहिए क्या बामयान की भीमकाय प्रतिमाएं भी क्रिया कर रहीं थीं। उसके भी बहुत पहले सोमनाथ मंदिर का ज्योतिर्लिंग क्रिया कर रहा था और ज्यादा पहले पांचवी शती से औरंगजेब तक हिन्दुस्तान पर जो हमले हुए वह किसी प्रतिक्रिया वश हुए थे।या स्वभाववश।

दुनिया में इस्लाम हिंसा में से ही निकला है और हिंसा में ही इसका लय हो जाएगा। हिंसा ही अंततया इसके समूल सर्वनाश का कारण बनेगी। जो लोग फ्रांस के वहशी दहशतगर्दी हमले को क्रिया -प्रतिक्रिया व्याकरण और विज्ञान में उतार के उसके समर्थन में तर्क ढूंढ रहे हैं उनसे पूछा जाना चाहिए क्या बामयान  की भीमकाय प्रतिमाएं भी क्रिया कर रहीं थीं।   उसके  भी बहुत पहले   सोमनाथ मंदिर का  ज्योतिर्लिंग क्रिया  कर रहा था और ज्यादा पहले पांचवी शती से औरंगजेब तक हिन्दुस्तान पर जो हमले हुए वह किसी प्रतिक्रिया वश  हुए थे।या स्वभाववश।

बाबा आदम का नाम सुना था ,पुराने बुजुर्ग कहते थे क्या बाबा आदम के ज़माने की बात करते हो इधर एक बाबा आज़म पैदा हुए हैं ये अपने पूरे होशोहवाश में ओबामा साहब को चेतावनी दे रहे हैं -ओबामा को बड़ा महंगा पड़ेगा इस्लाम से पंगा लेना। जबकि ओबामा ने साफ़ साफ़ कुछ कहा भी नहीं है ,इतना भर के मुस्लिम युवा ज़रा सोचें और आतंक की तरफ न जाएं।  जिन्ना के चचा जान ज़नाब आज़म खान इतने में ही तिलमिला गए अपने को बहिश्त की छत से ऊपर की मंजिल पे ले जाके चेतावनी देते दिखे।पायजामे से बाहर हो लिए।

इधर एक अय्यर जिन्हें एक्सपायरी डेट के बाद की सामग्री घोषित किया जा चुका है पाकिस्तान में जाकर कहते हैं भारत पाक संवाद के दोबारा कायम होने के लिए मोदी का हटना ज़रूरी है। पाकिस्तान के  हाज़िर ज़वाब पत्रकार ने कहा  ये काम तो आपको ही करना होगा। यानी पाकिस्तान अपनी सीमा पहचानता है लेकिन ये बड़बक बड़जुबान दुर्मुख सिर्फ संभावनाओं में जीते हैं।

ये किस किस्म के हिन्दुस्तानी हैं। इन्हें हिन्दुस्तानी माना जाए या नहीं इस पर विमर्श हो।    

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