वर्तमान सांसद एवं पूर्वमंत्री युपीए ने अतिथि देवोभव की अपनी परम्परा का उल्लेख किया है। सन्दर्भ है मंदमति को ज़नाब सांसद का अपनी चप्पल पहनने के लिए देने के बहाने से उनकी चरण वंदना करना। घटना पुदुचेरी की है। मौक़ा था बाढ़ पीड़ितों के प्रति संवेदना सहानुभूति प्रकट करना, जिसे हाईकमान की पादुका चाटने वालों ने चिरकुटी में तब्दील कर दिया अपनी चाकरी से।
कांग्रेस के चाकरों की पुरानी परम्परा है हाईकमान के बच्चों के जूती चप्पलें बगल में दबाकर चलना। संजयगांधी की चप्पलें भी एक राज्य के मुख्यमंत्री बगल में दबाये दिखे थे एक मर्तबा।ये ज़नाब बाद में राष्ट्रपति पद पे सुशोभित किये गए थे। युवा भीड़ और राजनीति की दिशा तय करने वाली भारत की नै पीढ़ी का इस कांग्रेसी इतिहास से वाकिफ होना ज़रूरी है। जो इस समय नेशनल हेराल्ड की सम्पत्ति हज़म करने की ताक में बौखलाए हुए हैं। अदालत को धमकी दे रहे हैं संसद के अंदर और बाहर।
कांग्रेसियों का बस चले तो अपनी चमड़ी उतरवा कर उसकी चप्पलें बनवा दें शहजादे के लिए। वी नारायण सामी ६५ साला हैं शहजादा मंदमति ४५ के बतलाये जाते हैं।
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