शनिवार, 10 अक्तूबर 2015

:आप आज़म और ओवेसी सोच के उन लोगों के साथ हरगिज़ नहीं जाएंगे जो बीफ के मुद्दे को यूएन में ले जाते हैं ,आप सब मतों के प्रति समान आदरणीय भाव रखने वाले भारत की सर्वग्राही सर्वसमावेशी तहज़ीब को हमेशा सबसे आगे रखने वाले दारा -शिकोह विचार के साथ जाएंगे।

अपने मन में पूरे आदर और सम्मान के साथ मैं बिहार के अपने मुस्लिम भाइयों -बहनों से मन की एक बात साझा करता हूँ :आप आज़म और ओवेसी सोच के उन लोगों के साथ हरगिज़ नहीं जाएंगे जो बीफ के मुद्दे को यूएन में ले जाते हैं ,आप सब मतों के प्रति समान  आदरणीय भाव रखने वाले भारत की सर्वग्राही सर्वसमावेशी तहज़ीब को हमेशा सबसे आगे रखने वाले दारा -शिकोह विचार के साथ जाएंगे। 

आप उस शख्शियत के साथ जाएंगे जो निवेश ला सकता है बिहार को अपने से ही छिटक के अलग हुए  अंग झारखंड  से निवेश के मामले में आगे निकलने के लिए। ये कथित सेकुलर ताकतें आज आइसिस (ISIS) से कम खतरनाक नहीं हैं। आपके पास ब्रह्मास्त्र  है आपका वोट। 

ये उनका सिर  काट सकता है जिनके मुंह में शैतान है। महाठगबंधन को आईना दिखला के कह सकता है। हम राजंेद्र बाबू की परम्परा के लोग हैं जिन्होनें राष्ट्र को सदैव ही आगे रखा और बारहा नेहरुवियन सोच के सेकुलर लोगों के झूठ का पर्दा फाश किया। 

वोट दोहरा हथियार है। राष्ट्र का निर्माण भी वोट से होता है और मुद्दों से भटका के लोगों का ध्यान खींचने वाले राजनीति के महाठगों का मुकाबला भी वोट से किया जा सकता है। हिन्दू भाई हों या मुस्लिम भाई यादव कुल के हों या किसी और कुल के यह सब कुछ तो ईश्वर और अल्लाह के अधीन है कि आपका जन्म किस कुल परिवार और मज़हब के अधीन होता है। ईश्वरीय न्याय तो सबके लिए बराबर है। उसी प्रकार राष्ट्र का गौरव भी सबके लिए बराबर है। इसे वो जातीय वोट का स्वयं को ठेकेदार समझते हैं उससे ये पूछा तो जा सकता है कि आखिर तुम्हें किस अपराध में चुनाव लड़ने से वंचित किया गया है। और वंचित भी किसने किया है विश्व की सर्वोच्च न्यायव्यवस्था ने। तुमने जब अपने बुरे कर्मों से यादव जाति को बदनाम कर दिया है ,जब चुनाव ही नहीं लड़ सकते तो फिर वोट पर हक़ जताने और वोट मांगने का अधिकार तुम्हें किसने दिया है। फिर सज़ायाफ्ता मुंह लेकर क्यों हमारे पास आते हो। क्या बिहार के यादवों को इतना गया बीता समझते हो कि उन्हें अच्छे और बुरे का ज्ञान ही नहीं है।

ऐसे में मैं बिहार के सभी यादव बंधुओं और मुस्लिम भाइयों से अपील करता हूँ कि वह अपने विवेक का इस्तेमाल करते

हुए विकास और निर्माण का रास्ता चुनने वालों को अपना अमूल्य वोट दें। सजग रहें कि जरासंध को अपना आदर्श मानने वाले यादव जाति के आदर्श पुरुष नहीं हो सकते। फैसले की घड़ी  अब बहुत दूर नहीं है। पांच साल का भविष्य अब आपके  हाथ में है। आशा है कि आप अपने भविष्य को सुखद बनाना चाहेंगे। जय भारत !जय बिहार!  

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