स्वस्थ रहने के लिए,
खाना इसे वरदान है।
खाना इसे वरदान है।
नाम का अमरूद है,
लेकिन गुणों की खान है।।
जी हाँ एक वैज्ञानिक अध्ययन में १४ फलों का अध्ययन विश्लेष्ण करने पर अमरुद पहले पायदान पे बैठा मिला ,पाइनेपल आखिरली ,अनार दोयम ,...... एपिल चौथे पे।
आपने सच ही अमरुद का मानवी -करण किया है ,एक साम्य देखिये :
कुछ बड़े आकार के।
मौन आमन्त्रण सभी को,
दे रहे हैं प्यार से।
खरीद लो चौक बाज़ार से ,जहां बिकतीं हैं फूले हुए फुल्कों से चोलियां और पहना दो इन अमरूदों को सभी को खुश रहेंगी ही हमझोलियाँ।
एक और साम्य देखिये नखशिख शब्द चित्र का :
आ गई बरसात तो,अमरूद गदराने लगे।
स्वच्छ जल का पान कर,
डण्ठल पे इतराने लगे।।
अमरुद न हुए जैसे सद्यस्नाता मुग्धा नायिका हो बिहारी की -...... फिर उसके बाद हमें कुछ खबर नहीं होती। ...
कच्ची इमली गदराई सावन में ,बुड्ढी है लुगाई मस्ताई फागण में।
सन्दर्भ -सामिग्री :(१ )https://www.youtube.com/watch?v=pYF2rwKJkAY
(२ )बालकविता "अमरूद गदराने लगे" (डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')
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आ गई बरसात तो,
अमरूद गदराने लगे। स्वच्छ जल का पान कर, डण्ठल पे इतराने लगे।।
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डालियों पर एक से हैं,
रंग में और रूप में। खिल रहे इनके मुखौटे, गन्दुमी सी धूप में।।
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कुछ हैं छोटे. कुछ मझोले,
कुछ बड़े आकार के। मौन आमन्त्रण सभी को, दे रहे हैं प्यार से।
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किसी का मन है गुलाबी, और किसी का है धवल। पीत है चेहरा किसी का, और किसी का तन सबल।।
स्वस्थ रहने के लिए,
खाना इसे वरदान है।
नाम का अमरूद है,
लेकिन गुणों की खान है।।
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